212 212 212 212
आपके प्यार में रोएंगे कब तलक
रात ढल जाएगी सोएंगे कब तलक।
रात ढल जाएगी सोएंगे कब तलक।
ख्वाहिशें बोझ बन जाएंगी गर सभी
या ख़ुदा बोझ ये ढोएंगे कब तलक।
या ख़ुदा बोझ ये ढोएंगे कब तलक।
जो मिला राह में छूटता ही गया
इस तरह हमसफर खोएंगे कब तलक।
इस तरह हमसफर खोएंगे कब तलक।
याद में जब कभी आएंगे हादसे
आंसुओं से उन्हें धोएंगे कब तलक।
आंसुओं से उन्हें धोएंगे कब तलक।
नफरतों की फ़सल काटते तुम रहे
प्यार के बीज हम बोएंगे कब तलक।
प्यार के बीज हम बोएंगे कब तलक।
बहुत खूब जनाब छा गए आप तो
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