Thursday, December 24, 2020

डर

आखिर किस बात से डरते हो?
आवाज़ से डरते हो?
ये आवाज़ तो भूखे पेट की है
शोषण के ख़िलाफ़ है
ये आवाज़ तो सच की है
तो क्या सच से डरते हो?
सच तो कभी छिपता नहीं
झुकता नहीं
मुड़ता नहीं
झूठ को बेनकाब करता है
तो क्या बेनकाब होने से डरते हो?
जो बेनकाब हो भी गए, तो क्या?
एक चेहरा ही तो सामने आएगा
अपना ही चेहरा...
तो क्या अपने चेहरे से डरते हो?
अच्छा! मतलब ख़ुद से ही डरते हो!!

मशीन

जब...
पहली बार आई थी मशीन
तो डर गए थे हम
इंसान का क्या होगा?
क्या मिट जाएगा वजूद?
क्या सब गुलाम हो जाएंगे?
क्या सब भूखे मरेंगे?
मशीन ही राज करेगी?
कौंध गए थे सैकड़ों प्रश्न
लेकिन आज...
हमें मशीन से कोई खतरा नहीं
क्योंकि आज...
हम सब बन गए हैं मशीन
अब नहीं कौंधते सैकड़ों प्रश्न।।