Sunday, November 21, 2021

जय हो

विजय विराट
दमका ललाट
है दीप्तमान
हर घाट-घाट
ये नई भोर
गूंजे है शोर
है सिंहनाद
हर ओर-छोर
मन में उमंग
बाजे मृदंग
बिखरे हैं आज
खुशियों के रंग
सीने में दम
पर आंख नम
है लक्ष्य तय
बढ़ते कदम
काली घटा
कोहरा छंटा
जीता वही
जो था डटा
जालिम कटार
धोखे से वार
अब चूर-चूर
सब अहंकार
अब चूर-चूर
सब अहंकार...