Thursday, September 24, 2020

एक, दो, तीन

एक...
एक जैसा सोचो
एक जैसा पहनो
एक जैसा खाओ-पियो
एक में ही सुरक्षा है
इसलिए एक हो जाओ!!
दो...
दो से द्वेष है
दो से दोष है
दो से द्रोह है
दो से एक को ख़तरा है
इसलिए एक हो जाओ!!
तीन...
तीन में सृजन है
तीन में चिंतन है
तीन में मंथन है
मंथन में घर्षण है
घर्षण में टकराव है
इसलिए एक हो जाओ!!

वर्जनाओं के उस पार...

वर्जनाएं तोड़ डालो
इनके आगे साधना है
जीवन है, दर्शन है

गर्जनाएं रौंद डालो
इनके आगे मौन है
ज्ञान है, सम्मान है

तर्जनाएं काट डालो
इनके आगे प्रेम है
भक्ति है, आसक्ति है

सर्जनाएं बांट डालो
इनके आगे कल्पना है
संसार है, उद्धार है

Friday, September 11, 2020

पाश

पाश! तुमने कहा था...
सबसे ख़तरनाक होता है...
सपनों का मर जाना
मुर्दा शांति से भर जाना
तुम्हारी वो बातें आज भी गूंजती हैं
मुर्दा शांति को भंग करती हैं
वो मुर्दा जिस्म आज भी टहलते हैं
घर से निकलते हैं सुबह...
और शाम को लौट आते हैं
बिना कोई सवाल किए
बस हथौड़ा पीटते हैं
यहां सब खुश हैं पाश
काश तुम भी जिंदा होते
सपनों को ज़िंदा रखते
बड़े बेवक़्त चले गए।।