Wednesday, April 29, 2020

इंतज़ार

(अभिनेता इरफान खान के निधन पर। उनके आखिरी शब्द थे "मेरा इंतज़ार करना")

मेरा इंतज़ार करना
मैं लौटूंगा इक दिन
इन हवाओं में घुलकर
तुमसे बातें करूंगा
फ़िल्म के किसी डायलॉग की तरह
मैं पूछूंगा तुमसे...
मेरे जाने के बाद
कितना हंसे तुम
कितना मुस्कुराए
कितना खिलखिलाए
तुम रोने की बात मत करना
मैं पूछूंगा तुमसे...
कैसे लड़े अपने अंतर्द्वंद्व से
कैसे भिड़े हालात से
कैसे अड़े मुश्किलों से
तुम हारने की बात मत करना
मैं सुनूंगा तुमसे...
कुछ किस्से
कब हुई थी तुम्हें पहली मोहब्बत
कब बारिश में भीगे थे आखिरी बार
कब ऊंची आवाज़ में गाया था गाना
तुम विरह की बात मत करना
मैं लड़ूंगा तुमसे...
क्यों उलझे रहते हो इन झमेलों में
क्यों सिर झुका के चलते हो
क्यों ज़िंदगी को बोझ बना रखा है
तुम बहानों की बात मत करना
खुलकर उड़ना परिंदों की तरह
खुलकर बहना झरनों की तरह
खुलकर लुटाना मनमर्ज़ियां
सीधा सा जवाब देना मेरे सवालों का
मेरा इंतज़ार करना।