अंतहीन - Nitin Upmanyu
Monday, May 23, 2022
ख़ामोशी
शोर मचाती ख़ामोशी
रोज़ डराती सरगोशी
टूटेगी जाने किस दिन
यह वहशत की मदहोशी
ज़हर बिछी इन सड़कों पर
कब तक यूं चल पाओगे
तलवारों के साए में
किस-किस की जान बचाओगे
इंसां को इंसां न दिखे
छाई कैसी बेहोशी
शोर मचाती ख़ामोशी
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