Thursday, November 26, 2020

प्रेम

दिल किसी का न दुखाए
बस वही तो प्रेम है
रोते चेहरे को हंसाए
बस वही तो प्रेम है
तल्खियां बढ़ जाएं जब
दो दिलों के दरमियां
गीत कोई गुनगुनाए
बस वही तो प्रेम है
जब कभी उड़ने लगो तुम
बेवजह आकाश में
पैर धरती पर टिकाए
बस वही तो प्रेम है
ज़िंदगी में भूल कर
हो जाए गर जो भूल तो
भूले को रस्ता दिखाए
बस वही तो प्रेम है
प्रेम में न सरहदें
प्रेम में न बंदिशें
उन्मुक्त सा उड़ता जो जाए
बस वही तो प्रेम है
प्यार की फसलों पे जब
हों ज़हर की बारिशें
गुल मोहब्बत के खिलाए
बस वही तो प्रेम है...

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