Friday, November 13, 2020

दौर

ये गिरावट का दौर है
भाषा गिर रही
शालीनता नहीं, फूहड़ता का दौर है
संवेदनाएं शून्य हैं
भावुकता नहीं, क्रूरता का दौर है
बौद्धिकता का है पतन
ज्ञान नहीं, अभिमान का दौर है
अभिव्यक्ति खतरे में
बोलने नहीं, डरने का दौर है
सत्य है संकट में
झूठ पर इतराने का दौर है
संस्कार गिर रहे
अदब नहीं, बदज़ुबानी का दौर है
विवेक क्षीण हो रहा
तर्क नहीं, कुतर्क का दौर है
हर दौर गुज़रा है
ये भी गुज़र जाएगा
कहेंगे लोग, इक वो भी दौर था
इक ये भी दौर है

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