Thursday, May 26, 2016

बर्फ की दीवारें

काश कि सरहदों पर होतीं बर्फ की दीवारें
जो सियासी बयानों की गर्मी से पिघल जाया करतीं
सरहदों के दोनों ओर फैल जाता इनका ठंडा पानी
फिर कोई फूल खिलता इस पानी से नम हुई मिट्टी में
हर तरफ बिखर जाती जिसकी खुशबू
कंटीली तारों से छिले बिना कितना खूबसूरत और महफूज़ होता वो फूल
काश कि सरहदों पर होतीं बर्फ की दीवारें....

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