वक़्त जो छोड़ आए पीछे
उखड़ते कदमों के साथ
लौट नहीं पाएगा
जानता हूं
कितना कुछ सिखाया इसने
अच्छा भी, बुरा भी
कितना अच्छा सीख पाया मैं
अपनी ही कसौटी पर
कितना खरा उतर पाया
और दूसरों की???
शायद, पता नहीं!!
उखड़ते कदमों के साथ
लौट नहीं पाएगा
जानता हूं
कितना कुछ सिखाया इसने
अच्छा भी, बुरा भी
कितना अच्छा सीख पाया मैं
अपनी ही कसौटी पर
कितना खरा उतर पाया
और दूसरों की???
शायद, पता नहीं!!
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