Saturday, July 10, 2021

हे! तथागत

क्यों मुश्किल है?
हे! तथागत
तुम जैसा जीवन पाना
राज-पाट सब छोड़ा तुमने
सत्य जगत का तब जाना
है संसार में पीड़ा कितनी
कष्ट झेल कर पहचाना
जीवन-मरण से ऊपर उठ कर
भेद ये जीवन का जाना
किंतु, तथागत क्यों मुश्किल है
तुम जैसा जीवन पाना
सत्य-अहिंसा, प्रेम मंत्र को
घर-घर तुमने पहुंचाया
ज्ञान में थी ऐसी शीतलता
जैसे बोधि वृक्ष की छाया
शांति मार्ग पर चलकर तुमने
कितनों को रस्ता दिखलाया
हे! तथागत क्यों मुश्किल है?
तुम जैसा जीवन पाना 
इक विपदा ने खोल दिया अब
इन सारे प्रश्नों का भेद
ज्ञान छिपा है इसमें ऐसा
मानो जैसे चारों वेद
हे! तथागत बहुत ही मुश्किल
तुम जैसा जीवन पाना

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